हल्दीघाटी नाम ने, रचा नया इतिहास ।
चेटक रामप्रसाद पे, राणा को विश्वास ।।
राणा को विश्वास, आज़ाद रहा मेवाड़ ।
शाह किया गुणगान, राणा तो अटल पहाड़ ।।
कह 'वाणी' कविराज, चंदन हो गई माटी ।
पैदल-पैदल जाय, जग नमे हल्दीघाटी ।।
कवि अमृत 'वाणी'
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